24 बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रशासन द्वारा बनाए गए 515 राहत शिविरों और वितरण केंद्रों में 3.86 लाख से अधिक लोगों ने शरण ली है। बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या बढ़कर 3208 हो गई है। विभिन्न स्थानों पर नदी के तटबंध टूटने से कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र निदेशक ने बताया कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में 31 वन्यजीवों की मौत हो गई।
24 बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रशासन द्वारा बनाए गए 515 राहत शिविरों और वितरण केंद्रों में 3.86 लाख से अधिक लोगों ने शरण ली है। बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या बढ़कर 3208 हो गई है। विभिन्न स्थानों पर नदी के तटबंध टूटने से कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों के अनुसार, 23 हॉग डियर डूब गए, जबकि सात अन्य की मौत हो गई।
ग्वालपाड़ा, नागांव, नलबाड़ी, कामरूप, मोरीगांव, डिब्रूगढ़, सोनितपुर, लखीमपुर, दक्षिण शालमारा, धुबरी, जोरहाट, चारिदेव, होजाई, करीमगंज, सिबसागर, बंगागांव, बारपेटा, धेमाजी, हैलाकांडी, गोलाघाट, दारंग, बिश्वनाथ, कछार, कामरूप (एम), तिनसुकिया, कार्बी आंगलोंग, चिरांग, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, माजुली जिले बाढ़ से प्रभावित हैं।
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